डिजिटल अरेस्ट का ऐसे दिखाया खौफ, बुजुर्ग से करोड़ों की साइबर ठगी

वीडियो कॉल पर पुलिस अफसर बनकर देहरादून निवासी बुजुर्ग की डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर 1.13 करोड़ रुपये ठगने वाले तीन आरोपियों को एसटीएफ ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। इनकी गिरफ्तारी राजस्थान के कोटा से की गई। यह गैंग दुबई से चलाया जा रहा था। साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया।एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि पैसिफिक गोल्फ एस्टेट निवासी राजीव कुमार मलिक की तहरीर पर बीते 16 मई को मुकदमा दर्ज किया था। एक व्यक्ति ने खुद को फेडएक्स कोरियर कंपनी से बताकर उनको कॉल की थी।

कहा कि उनका एक कोरियर मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम ने पकड़ लिया है, जिसमें जाली पासपोर्ट और महंगी नशा सामग्री मिली है। इसके बाद दूसरे नंबर से वीडियो कॉल की गई, जिसमें पुलिस कार्यालय जैसा माहौल दिखाया गया। पीड़ित को डराया गया कि उनके नाम पर चल रहे खातों में 38 मिलियन का लेनदेन पाया गया है।इसके बाद पासपोर्ट कार्यालय और मुंबई क्राइम ब्रांच से बचाने का झांसा देकर पीड़ित को 24 घंटे डिजिटली गिरफ्तार किया गया। उनको 24 घंटे वीडियो कॉलिंग पर रखा गया। सीबीआई हिरासत से जुड़ा नोटिस तक भेजा गया। फिर अलग-अलग बैंक खातों में 1.13 करोड़ जमा करवा लिए गए।

साइबर थाना पुलिस की जांच में पता चला कि यह गिरोह दुबई से चलाया जा रहा है। पता चला कि जिन खातों में रकम जमा हुई, इनमें से कुछ खाते कोटा के तीन लोगों के हैं। सीओ साइबर थाना अंकुश मिश्रा के निर्देशन में दबिश देकर आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया।इनकी पहचान 30 वर्षीय राकेश पुत्र रमेश चंद निवासी अजापुरा शोकुर मध्य प्रदेश हाल पता-गुजरों का मोहल्ला कोटा राजस्थान, 26 वर्षीय दीपक लक्षकार पुत्र किशन कुमार निवासी गुजरों का मोहल्ला कोटा और 27 वर्षीय आसिफ अली पुत्र ख्वाजा मोहम्मद इटावा कोटा राजस्थान के रूप में हुई।

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