विधि विधान से खुले केदारनाथ धाम के कपाट, ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से गूंजी केदारपुरी

उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह 7:15 बजे विधि विधान और परंपरानुसार श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं. इस मौके पर मंदिर को 24 क्विंटल फूलों से सजाया गया. कपाट शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग, प्रशासन, बीकेटीसी अधिकारी और हक-हकूक धारियों के साथ ही सैकड़ों तीर्थयात्रियों की मौजूदगी में खोले गए.

सबसे पहले प्रशासन की मौजूदगी में मुख्य द्वार का ताला खोला गया. इसके बाद गर्भ गृह का द्वार खोल दिया गया. गर्भगृह में रावल और मुख्य पुजारी की ओर से पूजा अर्चना के साथ ही आम दर्शन शुरू कर दिए गए. पहले दिन सुबह से शाम 5 बजे तक लगातार दर्शन जारी रहेंगे. इसके बाद 11 मई शनिवार को केदारनाथ में रक्षक देवता के रूप में भगवान भैरवनाथ के कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ मंदिर में बाबा केदार की आरती और भोग प्रसाद व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

बीती 9 मई को विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंची. जहां ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘जय बाबा केदार’ के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने डोली का स्वागत किया. इस दौरान सेना के 6 ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुन से डोली का अभिनंदन किया गया. बाबा केदार की चल विग्रह पंचमुखी डोली चार दिन की पैदल यात्रा के बाद गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे केदारनाथ धाम पहुंची.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज चार दिवसीय बदरी केदार की धार्मिक यात्रा के पहले दिन केदारनाथ धाम पहुंचे. जहां केदार सभा के पुरोहितों और ज्योतिर्मठ के प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का स्वागत किया. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साक्षी बने. भगवान केदारनाथ के दर्शन के बाद वे बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे. जो बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर भी मौजूद रहेंगे.

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